Vedanta Share Price: वेदांता का बड़ा खेल! अनिल अग्रवाल की धमाकेदार घोषणा से शेयर मार्केट में मचा तूफान!

Vedanta Share Price: के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने हाल ही में कंपनी की डिमर्जर प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण अपडेट साझा किया है, जिससे निवेशकों में उत्सुकता बढ़ गई है। आइए, इस डिमर्जर के विभिन्न पहलुओं और इसके संभावित प्रभावों पर एक नज़र डालते हैं।

डिमर्जर का उद्देश्य और प्रक्रिया

वेदांता लिमिटेड ने अपने विविध व्यवसायों को स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित करने का निर्णय लिया है। इस डिमर्जर के तहत, कंपनी के एल्युमिनियम, तेल और गैस, बिजली, स्टील और लौह सामग्री जैसे व्यवसायों को अलग-अलग इकाइयों में बांटा जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य कॉर्पोरेट संरचना को सरल बनाना और प्रत्येक व्यवसाय को स्वतंत्र रूप से विकसित होने का अवसर प्रदान करना है।

शेयरधारकों के लिए लाभ

डिमर्जर के बाद, वेदांता के प्रत्येक शेयरधारक को मूल कंपनी से अलग की गई नई कंपनियों में अतिरिक्त शेयर प्राप्त होंगे। उदाहरण के लिए, वेदांता लिमिटेड के प्रत्येक 1 शेयर के लिए शेयरधारकों को 4 नई कंपनियों में शेयर मिलेंगे। यह निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है, क्योंकि इससे उनकी निवेश पोर्टफोलियो में विविधता बढ़ेगी और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में निवेश का लाभ मिलेगा।

मार्केट कैप और ग्रोथ की संभावनाएं

वर्तमान में, वेदांता लिमिटेड का मार्केट कैप लगभग 1.82 लाख करोड़ रुपये है। डिमर्जर के बाद, पांचों कंपनियों का संयुक्त संभावित मार्केट कैप लगभग 2.73 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। इससे शेयरधारकों के लिए महत्वपूर्ण वैल्यू अनलॉकिंग का संकेत मिलता है। इसके अलावा, अलग-अलग कंपनियों के रूप में, प्रत्येक व्यवसाय अपनी-अपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा, जिससे उनकी विकास संभावनाएं बढ़ेंगी

प्रमोटर हिस्सेदारी और वित्तीय स्थिति

वेदांता लिमिटेड के प्रमोटर्स अपनी डिमर्ज की गई कंपनियों में 50% से अधिक हिस्सेदारी बनाए रखेंगे। अनिल अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि प्रमोटर्स की हिस्सेदारी घटाने की कोई योजना नहीं है और कंपनी अपनी आंतरिक आय से अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए पूरी तरह सक्षम है। हालांकि, यदि स्टील व्यवसाय के लिए उपयुक्त मूल्य मिलता है, तो वे इसे बेचने पर विचार कर सकते हैं।

डिविडेंड नीति

वेदांता उच्च डिविडेंड देने वाली कंपनी के रूप में जानी जाती है और यह परंपरा डिमर्जर के बाद भी जारी रहेगी। अनिल अग्रवाल के अनुसार, अगले पांच वर्षों में इन कंपनियों से $40 बिलियन का राजस्व और 30-35% का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिससे निवेशकों को निरंतर लाभ मिलता रहेगा।

Conclusion- Vedanta Share Price

वेदांता ने मार्च 2025 में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) में डिमर्जर के लिए अंतिम स्वीकृति हेतु आवेदन किया है। न्यायाधिकरण की सुनवाई 6 से 8 सप्ताह के भीतर होगी, जिसके बाद अलग हुई कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध किए जाएंगे। यह प्रक्रिया जनवरी 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है।

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