FII News: मार्च 2025 के पहले पखवाड़े में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार से ₹30,000 करोड़ से अधिक की निकासी की है। यह सिलसिला जनवरी और फरवरी में भी जारी रहा, जब क्रमशः ₹78,027 करोड़ और ₹34,574 करोड़ की निकासी हुई थी। इस प्रकार, वर्ष 2025 में अब तक कुल ₹1.42 लाख करोड़ (लगभग 16.5 अरब अमेरिकी डॉलर) की निकासी हो चुकी है।
बिकवाली के प्रमुख कारण
FPI की इस निरंतर बिकवाली के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक हैं:
- वैश्विक व्यापार तनाव: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों में अनिश्चितता के कारण वैश्विक निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं, जिससे उभरते बाजारों में निवेश घटा है।
- अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर की मजबूती: अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि और डॉलर की मजबूती ने अमेरिकी परिसंपत्तियों को अधिक आकर्षक बना दिया है, जिससे निवेशक भारतीय बाजार से धन निकाल रहे हैं।
- चीनी बाजार की ओर रुझान: FPI भारत से धन निकालकर चीन के शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं, क्योंकि वहां का प्रदर्शन अन्य बाजारों से बेहतर है।
घरेलू निवेशकों की भूमिका
जहां एक ओर विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) बाजार को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मार्च में अब तक DII ने ₹26,446 करोड़ के शेयर खरीदे हैं, जिससे बाजार में स्थिरता बनी हुई है।
बाजार पर प्रभाव
FPI की इस बिकवाली के बावजूद, घरेलू निवेशकों की सक्रियता के कारण बाजार में भारी गिरावट नहीं देखी गई है। हालांकि, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निवेश निर्णय लेने चाहिए।
Conclusion– FII News
वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों में सुधार और व्यापार नीतियों में स्थिरता आने पर FPI की बिकवाली का यह दौर थम सकता है। निवेशकों को सलाह है कि वे दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं और बाजार की अस्थिरता के बावजूद धैर्य बनाए रखें।
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